महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार देर रात बच्चों के वार्ड में आग लग गयी। आनन-फानन में बच्चों को वहाँ से निकालने के प्रयास किये गए लेकिन फिर भी वार्ड में भर्ती 17 में से 10 बच्चों को नहीं बचाया जा सका। राज्य सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सभी ने इस दुखद घटना पर शोक जताया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच के आदेश दिए और इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से भी जानकारी ली है। भंडारा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी उद्धव ठाकरे संपर्क बनाए हुए हैं।
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने त्वरित कार्यवाई करते हुए हर अस्पताल के शिशु वार्ड में सेफ्टी ऑडिट किये जाने के निर्देश जारी किये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की है। घटना की जांच के लिए एक विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है जो इस भयावह घटना के कारणों का पता लगाएगी। जांच के विषय में अस्पताल का फायर ऑडिट भी मुख्य रूप से जांचा जाएगा।
भंडारा के जिलाधिकारी संदीप कदम ने बताया कि आग रात में करीब दो बजे लगी। घटना में 10 बच्चों की मृत्यु हो गई।
अस्पताल में तैनात सिविल सर्जन डॉक्टर खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति भी होती है। उन्होंने संदेह जताया कि किसी सर्किट के चलते ये आग लगी हो सकती है।
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार इस बात की भी जांच की जा रही है कि घटना के वक्त वार्ड में कोई क्यों नहीं मौजूद था जबकि हर एक घंटे में डॉक्टर और नर्सों को वहां जाने का नियम है। फिर यह लापरवाही क्यों और कैसे हुई? अस्पताल प्रबंधन इन सवालों का सामना करना होगा।
इस घटना को लेकर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया –
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना पर अपनी संवेदनाएं जाहीर की –