भारत बोयोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए बिना ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंज़ूरी दी है।
वैक्सीन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मंज़ूरी जल्दबाज़ी में दी गई है, जिससे वैक्सीन की डोज़ लेने वालों की जान को ख़तरा हो सकता है।
एक्सपर्ट्स की इस आशंका के मुताबिक ही वैक्सीन के दुष्परिणाम भी नज़र आने लगे हैं।
ज़ी न्यूज़ की एक रिपोर्टर की वैक्सीन की डोज़ लेने के 24 घंटे बाद ही तबीयत बिगड़ गई है। बताया जा रहा है कि पूजा मक्कड़ नाम की रिपोर्टर को वैक्सीन की डोज़ लेने के एक दिन बाद ही बुख़ार आ गया है और हाथों में तेज़ दर्द शुरु हो गया है।
पूजा कोरोना वैक्सीन लगवाने वाली पहली महिला पत्रकार हैं। उन्हें भारत में दो वैक्सीन्स को मंज़ूरी दिए जाने के बाद ही सोमवार को भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की डोज़ दी गई थी।
उन्होंने कोवैक्सीन की डोज़ इसलिए ली थी ताकि वो अपने चैनल के माध्यम से लोगों को बता सकें कि स्वदेशी वैक्सीन पूरी तरह से सेफ़ है। लेकिन इससे पहले वो इसे सेफ़ करार दे पातीं उनकी तबीयत गिबड़ गई।
पूजा ने मंगलवार शाम को कहा कि वह उस जगह पर दर्द महसूस कर रही हैं जहां टीका लगाया गया था, जबकि अब तक इसके कम होने की उम्मीद थी।
उन्होंने इसके साथ ही बुख़ार की शिकायत भी की। हालांकि जब उन्होंने टीका लगाने वाले डॉक्टर से बुख़ार की शिकायत की तो उन्होंने इसे अच्छा संकेत बताया। डॉक्टर ने कहा कि बुख़ार का मतलब है कि वैक्सीन ने अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है।