जब से भाजपा सरकार द्वारा 3 नए कृषि कानून लाए गए हैं। तब से ही प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता इसे किसानों के लिए हितकारी बता रहे हैं।
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के विपरीत भाजपा द्वारा कृषि कानूनों के फायदे समझाने के लिए किसान सम्मेलन किए जा रहे हैं।
इस बीच भाजपा शासित मध्य प्रदेश से कृषि कानूनों से संबंधित हैरान करने वाला मामला सामने आया है।
खबर के मुताबिक, मध्यप्रदेश के हरदा जिले में कुछ किसानों ने एक कंपनी के साथ फसल का समझौता किया था। अब फसल खरीदने के बाद यह कंपनी किसानों को बिना भुगतान किए ही गायब हो गई है।
किसानों ने हरदा के देवास से लगभग 22 किसानों ने खोजा ट्रेडर्स से मसूर-चना दाल की फसल का समझौता 2 करोड़ में किया था।
दरअसल भुगतान का वक्त आने पर किसानों ने जब कंपनी का पता लगाया तो सामने आया की कंपनी को बंद कर मालिक भाग गए हैं। किसानों का दावा है कि आसपास के कई इलाकों से करीब डेढ़ सौ किसानों के साथ यह घटना घटी है।
बताया जा रहा है कि खोजा ट्रेडर्स द्वारा किसानों को दिया गया चेक बाउंस हो गया था। जिससे किसानों को शक हुआ। उन्होंने खोजा ट्रेडर्स के दफ्तर में जाकर भुगतान की रकम लेने की कोशिश की थी। लेकिन वहां दफ्तर बंद था। अब किसानों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है।
इसके साथ ही प्रशासन को इसकी शिकायत दी गई है। बताया जाता है कि खोजा ट्रेडर्स ने इन किसानों को मंडी से 700 रूपये प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम देने का दावा किया था।
इस धोखाधड़ी के बाद किसानों ने पुलिस को बताया है कि खोजा ट्रेडर्स के दो भाइयों ने उन्हें अपना लाइसेंस दिखाया था और मंडी से अधिक दाम पर फसल खरीद कर भुगतान करने की बात कही थी। लेकिन उनका चेक बाउंस हो गया तो मंडी से पता चला कि अब उनकी कंपनी की रजिस्ट्रेशन रद्द हो गई है।